तब्लीगी जमात क्या है ? इसकी स्थापना किसने, कहां और कब की थी ? तब्लीगी जमात का क्या काम है ? इस जमात के काम करने के तरीके क्या है ? क्या तबलीगी जमात सुन्नी इस्लाम का हिस्सा है ? क्या तबलीगी जमात आतंकवाद से जुड़ा है ? क्या सऊदी अरब तब्लीगी जमात के आतंकवादी मानता है ? मरकज क्या है ? मौलाना इलायास साद कौन है ? कितने लोग मानते है तबलीगी जमात को।क्या भारत में कोरोना का जन्मदाता या सुपर स्पाइडर तब्लीगी जमात है ? तब्लीगी जमात को पैसा या मदद कहां से मिलती है ? क्या तब्लीगी जमात विदेशों में फैला हुआ है ?
“तब्लीगी जमात” यह एक हिंदी भाषा का शब्द तो नही है लेकिन इसका हिंदू अर्थ होता है “इस्लाम की राह पर चलने वाला लोगो का समूह”। मतलब लोगो का एक ऐसा समूह जो अपना पूरा जीवन इस्लाम और उसके प्रचार में गुजार देता है।उन्हें मीडिया, राजनीति, ऐश – आराम से दूर दूर तक नाता नहीं रहता बस इस्लाम के सिद्धांतो को प्रचार करना ही उनका मुख्य मकसद होता है अर्थात “तबलीगी जमात इस्लाम का एक धार्मिक, और सामाजिक समूह है जो सुन्नी इस्लाम से प्रभावित है।यह लोगो को धार्मिक तरीको, पारंपरिक रीति – रिवाजों, पारंपरिक वेशभूषा आदि की ओर अग्रसर करता है”।
इस धार्मिक सुन्नी जमात की स्थापना 1926 ईस्वी में भारत भूमि पर “मौलाना मोहम्मद इलियास कांधलवी” के द्वारा दिल्ली से सटे “मेवात” नामक स्थान पर किया गया जिसका केंद्र(Centre) एक मस्जिद को बनाया।इस Centre को आज – कल मरकज कहा जाता हैं जो दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित है।जहां एक साथ 90,000 लोग एकत्रित हो सकते है।यह मरकज 07 तल्ला बिल्डिंग है जो 03 एकड़ में फैला हुआ है।
इस धार्मिक जमात को मानने वाले लोगो की संख्या देश – दुनिया मिलाकर कुल 150- 250 मिलियन के आस पास है।यह भारत के दिल्ली, मुंबई और भोपाल में वार्षिक समारोह करता है जिसमे लाखो – करोड़ों लोग भाग लेता है।इसी प्रकार तबलीगी जमात पाकिस्तान के पाकिस्तान के रावलपिंडी, बांग्लादेश और दुनिया के लगभग 100 से ज्यादा देशों में अपना वार्षिक सम्मेलन करता है जिसमे करोड़ो संख्या में लोग जमा होते है।
वर्तमान समय में एक कट्टर मुस्लिम देश सऊदी अरब द्वारा ” तब्लीगी जमात” को आतंकवादी कहकर प्रतिबंधित कर देने के कारण चर्चा में है।पहले भी दुनिया के लोग इसे “आतंकवादी समूह” बोलकर संबोधित करते रहे है क्योंकि भारत सहित दुनिया में कोरोन महामारी फैलाने के सभी कारकों में एक कारक “तबलीगी जमात” को माना जाता है। कोरोन फैलाने के कारण मार्च – अप्रैल 2020 के बीच भी “तब्लीगी जमात” चर्चा का केंद्र बना हुआ था।
संक्षिप्त जानकारी:–
नाम(Name) | तबलीगी जमात |
प्रमुख काम (Main Work) | एक जमात के आम मुस्लिमो से मिलना और उसे इस्लाम की ओर अग्रसर करना। |
स्थापना (Established) | 1927 में। |
स्थापक (Founder) | मौलाना मोहम्मद इलियास कांधलवी |
मुख्यालय (Centre) | दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज (मस्जिद)। |
अनुयाई (Follower) | दुनियाभर के करीब 150 मिलियन लोग। |
उद्देश्य (Purpose) | सुन्नी इस्लाम का प्रचार प्रसार करना। |
दुनिया से संबंध (Relation with the World) | दुनिया के करीब 150 देशों से संबंधित |
चर्चा के कारण (Reason for Public Discussion) | मार्च 2020 में कोरोना महामारी फैलाने के कारण और वर्तमान समय में सऊदी अरब द्वारा तब्लीगी जमात को आतंकवादी बोलकर प्रतिबंध लगाने के कारण। |
क्या है “तबलीगी जमात” (What is Tabligi Jamat)
“तबलीगी जमात” भारत के मौलाना मोहम्मद इलियास कंधालवी द्वारा लगभग 100 साल पहले, शुरू किया गया एक मिशनरी या रूढ़िवादी, धर्मांतरण समूह है जो एक जमात में रहता है (कम से कम 08) और आम मुस्लिमो को मुख्य रूप से मौलाना इलियास द्वारा प्रतिपादित 06 बिंदुओं की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है जिसमे पारंपरिक रीति रिवाज ,पूजा पद्धति, पोशाक और व्यक्तिगत व्यवहार पर जोर दिया जाता है।साथ ही साथ ये जमात पारंपरिक इस्लाम और उसके विचारो को भी प्रसारित करता है।इन जमातो का संचालन दिल्ली में स्थित तबलीगी जमात के मुख्यालय निजामुद्दीन से होता है।इन जमातियो को इस्लाम के प्रचार प्रसार करने के लिए रुपया आदि नही दिया जाता लेकिन मुख्यालय में रहने और खाने की सुविधा रहती है।
तबलीगी जमात के लोग कुरान, हदीश के साथ – साथ मौलाना मोहम्मद इलियास और उसके साथी द्वारा रचित “तबलीगी निसाब” को भी अनुसरण करता है, पढ़ता है जिसमे मुख्यत 07 बिंदू होते हैं।जिसे तबलीगी जमात का “मूल सिद्धांत” भी कहा जाता है ।जो इसप्रकार है:–
- कालिमा:– पूरा तरीका से खुदा पर विश्वास करना और मुहम्मद के बताए रास्ते पर चलना।
- सलात(नमाज):– रोज दिन पांच वक्त का नमाज पढ़ना।
- इल्म ओ जिक्र(ज्ञान):– इस्लाम के धार्मिक किताबो का अध्ययन करना और उसकी चर्चा करना।
- इकराम ए मुस्लिम:– मतलब सिर्फ मुसलमानों में दोस्ती बढ़ाना और एक – दूसरे का सम्मान करना।
- इखलास ए नियत :– नीयत को सदैव साफ रखना।
- दावत ए तबलीगी:– अपने निजी कामों के सिवा लोगो के बीच इस्लाम का दावत देना।
- तफरीह ए वक्त :– खाली समय में अल्ला को याद करना।
इसकी शुरुआत किसने, कब, कहां और किस प्रकार की और इसका विस्तार विश्व में कहां तक है:–
दिल्ली से सटे मेंवात नामक जगह पर कुछ राजपूत धर्मांतरित होकर मुस्लिम बन गए थे किंतु राजनीतिक शक्ति कमजोर होने पर वे लोग पुनः हिंदू धर्म में आने लगे इस गतिविधि को देखकर 1926-27 में देवाबंदी मौलाना मुहम्मद इलियास कंधालवीं ने इसे रोकना चाहा है। इसी के तहत मौलाना ने इस्लाम से जुड़ी एक संरचना बनाया और जिसमे लोगो का एक जमात (समूह) होता था जो लोगो को (तबलीगी) इस्लाम के राह पर चलने के लिए प्रेरित करता था।उसी जमात के द्वारा मौलाना इलियास, अल्प संख्यक मुस्लिमो के पास अपने नए मंत्र को पहुंचाया और उसे पालन करने के लिए लोगो को प्रेरित किया।ऐसा करने उसने मुस्लिमो को घर वापसी करने से रोक लिया।इसप्रकर यह एक धार्मिक आंदोलन का रूप ले लिया और 1950 के बाद भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में बहुत तेजी से फैल गया। 1970 के दशक के आस पास गैर मुस्लिम देशों में भी इसकी गहरी पैठ हो गई।साथ ही साथ सऊदी अरब के बहावियो के साथ भी मेल जोल बढ़ा लिया इस् प्रकार तबलीगी जमात विश्व में सबसे प्रसिद्ध धार्मिक आंदोलनों में से एक हो गया।USA, UK , सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश और भारत आदि देशों सहित दुनिया के लगभग 100 देशों में खासकर दक्षिण एशिया में तबलीगी जमात के मानने वालो की संख्या सबसे ज्यादा है।वर्तमान समय में इसके फॉलोअर की संख्या 150 मिनियम के आसपास है।