DRDO मतलब भारत के “रक्षा अनुसंधान एवम विकास संगठन(Defence Research and Development Organisation)” ने चीन और पाकिस्तान जैसे आक्रमक शत्रु को देखते हुए इसी बुधवार को “प्रलय नामक कम रेंज के सतह – से – सतह मार करके वाली बैलिस्टिक मिसाइल “का सफल परीक्षण किया जो अपने सभी लक्ष्यों को सफलता पूर्वक पूरा किया।यह परीक्षण “ओडिसा तट” से किया गया जिसका नाम अब बदलकर “अब्दुल कलाम तट” कर दिया गया है।आइए जानते है विस्तार से:–

प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल(Pralay Ballistic Missile) की विशेषता:–

  • प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल (Pralay Ballistic Missile) को भारत के मिसाइल बनाने वाली सरकारी संस्थान डीआरडीओ “Defence Reasearch and Development Organisation मतलब DRDO) बनाया गया है।
  • सतह से सतह मार करने वाली ” प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल” पूर्ण रूप से स्वदेशी (Indigenous) तकनीक से बनाया गया है।
  • प्रलय मिसाइल में “ठोस ईंधन” का प्रयोग किया जाता है।
  • इस मिसाइल का विकास ” पृथ्वी रक्षा प्रणाली” के आधार पर किया गया है।
  • इस Ballistic Missile का परीक्षण बुधवार, 22/12/2021 को करीब 10/30 बजे किया गया।
  • प्रलय (Pralay) का सफल परीक्षण अब्दुल कलाम आइलैंड मतलब ओडिसा तट से किया गया।
  • प्रलय(Pralay) बैलिस्टिक मिसाइल “सतह से सतह” मार करने वाली कम रेंज की मिसाइल है।
  • इसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर तक है।
  • यह अपने साथ 1000 Kg तक विस्फोटक समान ले जाने में सक्षम है।
  • इस बैलिस्टिक मिसाइल को मोबाइल से भी लॉन्च किया जा सकता है।
  • इस मिसाइल की प्रणाली में “अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स” शामिल हैं।
  • डीआरडीओ के चेयरमैन ” सतीश रेड्डी” है।
  • यह नई पीढ़ी की एक उन्नत मिसाइल है जो दूसरे इंटरसेप्टर मिसाइल को हराने में सक्षम है।
  • ऐसी मिसाइल प्रणाली से विकसित किया गया है कि यह हवा के बीच एक निश्चित सीमा को कवर करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखता है।
  • इस सतह से सतह मार करने वाली नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल को सेना में शामिल करने से सेना का मनोबल और बढ़ेगा।
  • भारत के प्रधानमंत्री और रक्षमंत्री ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ और उनके सदस्यो बधाई दी है।

धन्यवाद।।

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