भारत का प्रथम सीडीएस श्री बिपिन रावत जी का जीवनी, जाबांज योद्धा, निबंध, कहानी, पत्नी, बच्चे, शहीदी, निधन, मृत्यु,  कुन्नूर हेलीकॉप्टर दुर्घटना(First CDS of India Sri Bipin Rawat’s Biography,Heroic Life, Story, Kunnur Helicopter accident, wife, son and Daughter, Death,Vipin Rawat News in Hindi)

आदरणीय सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत

भारत की धरती से विश्व के इतिहास में एक जाबांज योद्धा के रूप में अपने नाम लिखवाने वाले भारत के प्रथम एसडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) शहीद बिपिन रावत सर को मेरा अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।समय से आगे चलने वाले वीर योद्धाओं में एक शहीद सीडीएस बिपिन रावत जी को दुनिया कभी भूल नहीं सकती।जब भी दुनिया में भारत का गुणगान होगा तो इस महान वीर योद्धा को जरूर याद किया जायेगा जिन्होंने दुश्मनों को घर में घुस – घुस कर मारा है चाहे वो चीन हो या पाकिस्तान या म्यांमार के आतंकवादी।पाकिस्तान और चीन अपने प्रबल शत्रु के रूप शहीद बिपिन रावत सर को कभी भूल नहीं सकेगा।वे दुश्मनों का दुश्मन और दोस्तो के दोस्त थे इसलिए वे नेपाल के मानद सेना प्रमुख भी थे। दुःख है कि आज वे हम लोगो के बीच नही है दुश्मनों की चाले कामयाब हो गई उसे खुश होने का मौका मिल गया।उन्होंने हम लोगो से हमारा रक्षक को कुन्नूर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में छीन लिया पर भगवान से दुआ करता हूं कि हमारे वीर फिर भेजना ताकि भारत की शान कायम रह सके।मैं लिखने वक्त बहुत रो रहा हूं क्योंकि भारत के लिए ,सनातन संस्कृति के लिए जो कुछ वे किए शायद कोई कुछ करे तो आइए जानते है विस्तार से, आज के वीर बाजीराव को जिसने घर और बाहर दोनों दुश्मनों को नेस्तनाबूद किए और भारत तथा भारतीय संस्कृति के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका यदा किए।

संक्षिप्त विवरण:—-

नाम (Name)श्री बिपिन रावत।
पद (Post)सीडीएस(Chief of Defence Staff — CDS)
देश (Country)भारत(India)
जन्म स्थान(Birth and Birth Place)पौड़ी गढ़वाल, उतराखंड
मृत्यु स्थान(Death and Death Place)कुन्नूर, तमिलनाडु (हेलीकॉप्टर दुर्घटना)
जन्मतिथि(Date of Birth)16 March 1958
मृत्युतिथि(Date of Death)08 December 2021
उम्र (Age)63 years
पिता(Father)
माता(Mother)
पत्नी(Wife)मधुलिका रावत
बेटे और बेटियां(Sons and Daughter)
गृहनगर(Hometown)लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
शिक्षा(Educational Qualification)एमफिल डिग्री, प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा, डॉक्टरेट की उपाधि
विद्यालय और महाविद्यालय(School and College)कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून
सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमलाराष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला
भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून
रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन
फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास में संयुक्त राज्य सेना कमान और जनरल स्टाफ कॉलेज
मद्रास विश्वविद्यालय
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ
कार्यकाल (Service Year) 16 Dec 1978 से 08 Dec 2021
राष्टियता और धर्म(Nationality and Religion)भारतीय और हिंदू (सनातनी)
प्रसिद्धि(Famous For)प्रथम सीडीएस(CDS) चीन,पाकिस्तान,म्यांमार में घुसकर दुश्मन को मारना और कश्मीर में उग्रवादियों को कुचलना, आर्मी में सुधार।
यूनिट(Unit)5/11 गोरखा रायफल
वेतन(Salary)5,00,000/ + अन्य भत्ता आदि।।
भारत के प्रथम सीडीएस(CDS) का संक्षिप्त विवरण।

शहिद सीडीएस बिपिन रावत लेटेस्ट news (Latest news about First CDS Vipin Rawat)

सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और सेना के कई बड़े अफसरों की टीम के साथ बुधवार को दोपहर 11.30 बजे वीवीआईपी चॉपर MI-17 V-5 में सुलूर से कुन्नूर के लिए निकले थे. उन्हें कुन्नूर के डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज में उन्हें लेक्चर देना था. हेलिकॉप्टर ने पूरी तरह से सुरक्षित उड़ान भरी थी.सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर तकरीबन 50 मिनट का सफर तय कर चुका था. सुलूर से करीब 94 किलोमीटर का हवाई सफर पूरा हो चुका था. अब सिर्फ 10 से 15 किलोमीटर की दूरी और बची थी. वे सफर के आखिरी हिस्से में थे. अचानक हेलिकॉप्टर हिचकोले खाने लगा. पायलट ने संतुलन खोया और चंद मिनट के भीतर हेलिकॉप्टर शोलों में तब्दील हो गया।इस हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है

सीडीएस बिपिन रावत(Who is CDS Bipin Rawat):

भारत के पहले सीडीएस(Chief of Defence Staff),शहीद बिपिन रावत अपने समय के सबसे प्रसिद्ध और जाबांज सैनिकों में से एक थे।वे उत्तराखंड के एक संपन्न राजपूत, आर्मी परिवार में पैदा हुए थे इसलिए उनके दिल देशभक्ति की जज्बा कुटकुट कर भरा था।वे सच्चे मन से देश की सेवा करना चाहते थे।वे बचपन से ही मेघावी और अनुशासनप्रिय थे।वे प्रारंभिक पढ़ाई देहरादून और शिमला में सम्पन्न किए उसके बाद कॉलेज की पढ़ाई “राष्टीय रक्षा अकादमी खड़गवासला”, “भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून” के साथ – साथ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ और संयुक्त राज्य सेना कमान और जनरल स्टाफ कॉलेज आदि से अपनी विभिन्न प्रकार की पढ़ाई समाप्त किए मतलब वे रक्षा के साथ साथ कंप्यूटर डिप्लोमा भी किए थे।

पढ़ाई समाप्त होने पर 5/11 गोरखा यूनिट में सन 1978 ईस्वी को सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर नौकरी ज्वाइन किए।अपने लग्न और सूझबूझ से लगातार बेहतर प्रदर्शन किए जिससे खुश होकर इन्हे लगातार पदोन्नति का लाभ मिला और इस् प्रकार 01 जून 2014 को लेफ्टिनेंट जनरल और 2017 में आर्मी चीफ।जब आर्मी चीफ से रिटायर हुए तो भारत सरकार उन्हें 2020 में देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया।

सीडीएस के रूप में, नौसेना, वायु सेना और थल सेना तीनो का एकीकृत प्रमुख थे।उन्हें फोर स्टार जनरल बनाया गया।बिपिन रावत रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग का नेतृत्व किया करते थे क्योंकि उनके जीवन के एक बड़ा हिस्सा रक्षा क्षेत्र से जुड़ा हुआ था।

शहीद प्रथम सीडीएस बिपिन रावत का परिवार परिचय ( CDS Bipin Rawat Family Details) )

पिता का नाम (Father’s Name)लक्ष्मण सिंह रावत
माता का नाम (Mother’s Name)ज्ञात नहीं
पत्नी का नाम (Wife ’s Name)मधुलिका रावत
बच्चो का नाम (Children ’s Name)2 बेटिया – कृतिका रावत
उनकी 1 और बेटी है।कोई बेटा नही है।

प्रथम सीडीएस शहीद बिपिन रावत का जन्म एवं शुरुआती जीवन परिचय (First CDS Late Bipin Rawat Birth & Early Life )

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के परसई गांव में हुआ था इसलिए बिपिन रावत जी का परिवार परसारा रावत कहलाए।इनके पूर्वज हरिद्वार से थे। “रावत” एक मिलिट्री टाइटल है जिसे गढ़वाल के शासकों ने वहां के राजपूतों को दिया था।रावत सर के खून में ही बहादुरी छुपी थी इसलिए प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और शिमला से खत्म करने के बाद वे अमेरिका गए और उच्च शिक्षा भी प्राप्त किए किंतु उनका दिल नही लगा।वे पुनः वापस भारत आ गए और देश की सेवा करने का निश्चय किए।वे NDA का Exam पास किए और 1978 ईस्वी में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप नौकरी ज्वाइन की।पूर्वोत्तर और वास्तविक सीमारेखा के पास काम करने के कारण, अशांत एरिया से निपटने का अच्छा अनुभव था।काश्मीर जैसे अशांत क्षेत्र को बिपिन रावत सर ने ही साइलेंट किए।1987 में चीन के साथ एक छोटा झड़प हुआ था उस समय बिपिन रावत सर वही तैनात थे और उनके टीम ने चीनियों के दांत खट्टे कर दिए थे।

कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद सभी लोग।

उनके पिता, लक्ष्मण सिंह रावत ने भारतीय सेना की सेवा की और लेफ्टिनेंट-जनरल के पद तक पहुंचे थे।बिपिन रावत के चाचा, भरत सिंह रावत भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त हवलदार थे।एक अन्य चाचा भी सेना में ही कार्यरत थे।

सीडीएस शहीद बिपिन रावत की जीवन संगिनी(पत्नी) मधुलिका रावत(Bipin Rawat’s Wife Madhulika Rawat)

सीडीएस बिपिन रावत सर की पत्नी का नाम मधुलिका रावत था जो मध्यप्रदेश से संबंध रखती थी।वे अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ग्वालियर से की।मनोविज्ञान में उच्च शिक्षा, दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिल किए।जब बिपिन रावत सर आर्मी में कैप्टन थे तभी 1986 ईस्वी में मधुलिका रावत के साथ व्याह हुआ था।वह आर्मी वाइफ्लस वेल्फेयर असोसिएशन (AWAA) की अध्यक्ष भी थीं। उनकी पत्नी मधुलिका मध्य प्रदेश के शहडोल की रहने वाली थीं और स्वर्गवासी राजनेता मृगेंद्र सिंह की पुत्री थीं।

बिपिन रावत की शान उनकी बेटिया ( Bipin Rawat Daughter )

सीडीएस बिपिन रावत सर और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की सिर्फ दो बेटियां है: “तारिणी” और “कृतिका”।रावत सर को कोई बेटा नही था। बेटियो में बड़ी बेटी की शादी मुंबई में हो गई थी जबकि दूसरी माता – पिता के साथ रहती थी।

दुश्मनों/गद्दारों और आतंकवादियों के लिए महाकाल थे सीडीएस बिपिन रावत सर

रावत सर बहुत समझदार और दिलेर योद्धा थे।अपनी सूझबूझ का प्रयोग जीवन के हरेक कठिनाइयों में हमेशा किया करते थे जिसका तोड़ दुश्मनों के पास असंभव होता था।उन्हें उसी पूर्वोत्तर यूनिट 5/11 गोरखा रायफल में सेवा करने का अवसर मिला जहां उनके पिता जी श्री लक्ष्मण सिंह रावत लेफ्टिनेंट पद से रिटायर किए थे।इस प्रकार उनके पास पूर्वोत्तर और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास काम करने का बहुत अनुभव था।वे अशांत क्षेत्र को कंट्रोल करने में भी बहुत माहिर थे।

एक जीवन का एक वाक्य 1987 का है जब चीनी सैनिकों ने हमारी छोटी सैनिक टुकड़ी पर आक्रमण कर दिया था।उस समय रावत सर वही पोस्टेड थे।उनकी टीम के जबाबी कारवाई की और चीनियों के दांत खट्टे कर दिए।उन्हें वापस लौटना पड़ा।।

ठीक उसी प्रकार 2015 में एक बार म्यांमार के आतंकवादियों ने हमारे 21 जवानों को शहीद कर दिया।उस समय वहां के कमांडिंग ऑफिसर रावत सर ही थे।वे स्तिथि को समझे, प्लान बनाए और म्यांमार सीमा के अंदर जाकर सभी आतंकवादियों को सफाया करवा दिए।ये बाहरी दुश्मनों के बहुत ही स्ट्रॉन्ग मैसेज था।

चीन सीमा पर बराबर भारत को आंख दिखाता रहता था पर बिपिन रावत सर के जनरल बनने के बाद स्तिथि बदल गई।अब भारत चीनियों को आंख दिखाता है वे हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता क्योंकि चीन को सबक सिखाने और अपने सैनिकों को किसी भी बुरी से बुरी स्तिथि से निपटने के लिए रावत सर दिन रात मेहनत कर रहे थे।वे ऐसे चक्रव्यूह का निर्माण किए जिसमे चीन और पाकिस्तान फसकर रह गया।भारत चीन को गलवान में भी पीछे धकेला और लद्दाख में भी।

पाकिस्तान सीजफायर करना भूल गया क्योंकि उसने हमारे सैनिकों पर उड़ी में हमला करके 18 जवानों को शहीद कर दिया था जिसका बदला लेने के लिए बिपिन रावत सर कमर कस लिए थे।रावत सर सर्जिकल स्ट्राइक करने के नीति बनाई जिसके तहत भारतीय सेना बालाकोट सहित अन्य सथानो पर पाकिस्तान के आतंकवादियों को सफा करना था।अपने भयानक अस्त्र शास्त्र का उपयोग करते हुए भारत की सेना, पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया और दुश्मनों को मार गिराया जिसके बाद पाकिस्तान सीजफायर भूल गया।

काश्मीर में अलगाववादियों का भी रीड की हड्डी तोड़ने के लिए जनरल रावत सर को लगाया गया वे “आल आउट” अभियान चलाकर दुश्मनों को कश्मीर से सफा कर दिए।काश्मीर में गोलीबारी और पत्थर बाजी रुक गए।लोग में समझ विकसित हुआ और शांति माहौल बनाया जा सका चुकी रावत सर प्रॉक्सी वार को भी खत्म करने में निपुण थे।

भारत के अतिरिक्त अमेरिका में भी रावत सर ने सेवाए दी है।वे कांगो में यूएन मिशन का हिस्सा थे।वे अपनी सूझबूझ और करेंट टाइम डिसीजन मेकिंग क्षमता से 7,000 लोगो की जाने बचाई।यह एक बहुत बड़ी कामयाबी थी।रावत सर को इसके लिए UN में सम्मानित किया गया।

सीडीएस बिपिन रावत सर ने अपने 63 साल के अपने जीवनकाल में लगभग 40 साल देश को दिए और अनेक ऐसे कई काम किए, जो हमेशा लोगो के दिलो में हमेशा याद रखे जाएंगे.

सेना में कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ना –

  • 16 दिसंबर 1978 को को जनरल बिपिन रावत मात्र एक सेकंड में लेफ्टिनेंट सेना में भर्ती हुए थे.
  • साल 1980 में उनको सेना का लेफ्टिनेंट के पद पर प्रोमोसन दिया गया .
  • साल 1984 में उन्हें आर्मी ने उन्हें एक कप्तान के पद पर नियुक्त किया .
  • चार साल बाद 1989 उन्हें एक बार फिर से प्रोमोसन देकर आर्मी का मेजर बना दिया .
  • करीब 9 साल बाद साल 1998 में वह लेफ्टिनेंट कर्नल थे.
  • साल 2003 में वह कर्नल की पोस्ट पर तैनात किये गए.
  • 4 साल बाद साल 2007 में उनके काम करने की कौसलता को देखते हुए उन्होंने ब्रिगेडियर बनाया गया.
  • एक बार फिर से 4 साल बाद साल 2011 में वह मेजर जनरल बने.
  • तीन साल बाद साल 2014 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर प्रमोट हुए.
  • 1 जनवरी 2017 को भारत सरकार ने उन्हें आर्मी चीफ के पद पर नियुक्त 
  • बिपिन रावत के पुरस्कार एवं उपलब्धिया ( Bipin Rawat Awards &

2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा पर, जनरल रावत को यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड और जनरल स्टाफ कॉलेज इंटरनेशनल हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया था। वह नेपाली सेना के मानद जनरल भी हैं।

आईये जानते है उनकी उपलब्धियो के बारे में

  • परम विशिष्ट सेवा मेडल
  • उत्तम युद्ध सेवा मेडल
  • अति विशिष्ट सेवा मेडल
  • युद्ध सेवा मेडल
  • सेना मेडल
  • विशिष्ट सेवा मेडल
  • सीओएएस कमेंडेशन
  • आर्मी कमांडर कमेंडेशन

लेकिन ऐसे अदभुत क्षमता वाले बहादुर सैनिक का निधन 08 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के पहाड़ी इलाकों में एक दृभाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गया जिसमे सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 लोगो की जाने चली गई।भारत इस दुखद पल को कभी भूल नहीं सकेगा।मैं अपने वीर और तेजस्वी सेनानायक को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूं।भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।


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