नारी शक्ति का एक और जबरदस्त प्रदर्शन ” एक भारतीय महिला गणितज्ञ” द्वारा किया गया जिसे आज दुनिया नमन कर रही है।वह चौथी भारतीय और दुनिया की तीसरी महिला जो यह कारनामा की है।मैं बात कर हूं: श्रीमती नीना गुप्ता जी की। जो अपनी बुद्धि – कौशल के प्रदर्शन से यह ख्याति प्राप्त की है।श्रीमती नीना गुप्ता जी को “रामानुज पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है।यह पुरस्कार उनको “इफाइन बीजगणित ज्यामिति” और “कम्यूटेटिव बीजगणित” में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए दिया गया है।सबसे अनोखी बात ये है कि जिन चार भारतीयों को रामानुजन पुरस्कार प्राप्त हुआ है उनमें से तीन ISI के ही सदस्य हैं। इससे पहले साल 2006 में सुजाता रामादोरई, 2015 में अमलेंदू कृष्णा, 2018 में ऋतब्रत मुंशी को ये सम्मान मिला था। यह संपूर्ण महिला के साथ – साथ भारत के लिए भी गर्व की बात है।
रामानुज पुरस्कार विकासशील देशों के युवा मैथमेटिशियन को मैथ्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने के लिए दिया जाता है।जिनकी उम्र 45 या उससे कम हो। गणितीय विज्ञान की किसी भी शाखा में काम करने वाले शोधकर्त्ता जो रामानुज पुरस्कार पाने के पात्र होते हैं, उनको $15,000 अमेरिकी का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
संक्षिप्त जानकारी:–
- नाम(Name):– नीना गुप्ता(Neena Gupta)
- शहर(Town):– कोलकाता
- जन्म(Birth):– 1984
- पिता(Father):–
- माता(Mother):–
- पति(Husband):–
- स्कूल(School):– खालसा हाई स्कूल
- कॉलेज(College):-बेथ्यून कॉलेज(2006),इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट(2008) ।
- योग्यता(Qualification):– B.Sc (Math) , Master (Math) और अमर्त्या कुमार दत्त के मार्गदर्शन में कम्यूटेटिव अलजेब्रा में Ph.D की डिग्री हासिल की।
- नौकरी(Job):– इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट में बतौर प्रोफेसर।
श्रीमती नीना गुप्ता और उनकी पढ़ाई ( Neena Gupta and her Study):–
श्रीमती नीना गुप्ता (Neena Gupta) कोलकाता के इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI) में पढ़ाने वाली प्रोफेसर एक प्रोफेसर है।इनका जन्म और पालन – पोषण पश्चिम बंगाल की राजधानी “कोलकाता” में हुई।वही के एक निजी स्कूल “खालसा हाई स्कूल” में समाप्त हुई।कॉलेज की पढ़ाई “बैथ्यून कॉलेज” से पूरी की उसके बाद गणित में मास्टर और Ph.D की डिग्री “इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट” से प्राप्त की और फिर वहीं फैकल्टी सदस्य के तौर पर काम करने लगीं।
करियर (Career):-
इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट कोलकाता में गणित से Ph.D करने के बाद उसी इंस्टीट्यूट में 2014 से मैथमेटिक्स और स्टैटेटिक्स विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नौकरी करने लगी।
पुरस्कार(Award):–
Zariski Cancellation Problem में सकारात्मक सहयोग देने के लिए TIFR एलुमनी एसोसिएशन के तरफ से 2013 में “सरस्वती कौशिक मेडल” दिया गया।
मद्रास यूनिवर्सिटी से 2014 में ” रामानुज पुरस्कार” दिया गया।
2014 में INSA यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिला।
2019 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार दिया गया।
अब 2021 में DST-ICTP-IMU रामानुज पुरस्कार, विकासशील देशों की “इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिज़िक्स’ और भारत सरकार के ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ तथा अंतरराष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) के साथ संयुक्त रूप से दिया गया।
2022 में, इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ मैथमेटिशियन (ICM) में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया।
गणितज्ञ नीना गुप्ता का कहना है कि वे खुशनसीब है मुझे यह सम्मान मिला लेकिन मैं यहां रुकने वाली नही हूं।मुझे आगे बढ़ना है और बढ़ते ही जाना है।मुझे और भी खोज करनी है, समस्या का समाधान ढूंढना है।पुरस्कार देने के लिए मैं समिति को धन्यवाद देती हूं और उन सभी लोगो को भी धन्यवाद देती हूं जो मुझे बधाईयां दे रहे है।।